Tuesday 10 April 2018

ज़िंदगी चलती रही,हम भी उस के साथ साथ चलते रहे...वो कभी सुख देती रही,वो कभी दुखो का

रैला भी देती रही...भगवन से सिर्फ इतना कहा..तू जो भी दे...ख़ुशी हो या गम...सब कुछ मंजूर

हमे...उसी के नाम से बहुत कुछ हासिल किया,उसी के आदेश से दुखो मे भी जीवन जी लिया....

हर घडी खुद को यह सन्देश देते रहे,तू जो रुक गया तो ज़िंदगी भी थम जाए गी...हिम्मत का

दामन थाम ले,देखना सारी मुश्किलें भागती नज़र आए गी....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...