दुआ...जो ज़िंदगी देती है....दुआ,जो दुखो से निजात दिलाती है....कुदरत के कहर के आगे जो
नतमस्तक होता जाए,जो हर हाल मे खुद को हौसला देता जाए.....टूट टूट कर फिर जीवन को गले
लगाता जाए..... खुद के इरादों को मजबूती से निभाता जाए....रो कर ज़ार ज़ार खुद की हिम्मत को
बढ़ाता जाए,बिन सहारे मुश्किलों को संभालता जाए...मालिक की दया साथ होती है अगर,तो दुआ
भी साथ होती है...यह दुआ ही तो है,जो हर पल,पल पल.....सांसो को चलाती है....
नतमस्तक होता जाए,जो हर हाल मे खुद को हौसला देता जाए.....टूट टूट कर फिर जीवन को गले
लगाता जाए..... खुद के इरादों को मजबूती से निभाता जाए....रो कर ज़ार ज़ार खुद की हिम्मत को
बढ़ाता जाए,बिन सहारे मुश्किलों को संभालता जाए...मालिक की दया साथ होती है अगर,तो दुआ
भी साथ होती है...यह दुआ ही तो है,जो हर पल,पल पल.....सांसो को चलाती है....