बहुत ख़ामोशी है इन हवाओ मे आज,इतनी ख़ामोशी कि धडकनों को सुनाई दे रही है धडकनों की आवाज़ ..
क्यों बेताबी है बादलों मे आज,बिजली की चमक से गूंज रहा यह आसमां कुछ खास.... फूलो ने बिखेरी
है खुशबू कुछ अलग अंदाज़ मे आज....एक हलकी सी परत शर्म की छाई है चांदनी के उस पार....कुछ
समझ से परे है बाते उन की आज...लापरवाही इस दुपट्टे की,संभाले नहीं सँभलती आज...बस सुनाई दे
रही है धडकनों को सिर्फ धडकनों की आवाज़....
क्यों बेताबी है बादलों मे आज,बिजली की चमक से गूंज रहा यह आसमां कुछ खास.... फूलो ने बिखेरी
है खुशबू कुछ अलग अंदाज़ मे आज....एक हलकी सी परत शर्म की छाई है चांदनी के उस पार....कुछ
समझ से परे है बाते उन की आज...लापरवाही इस दुपट्टे की,संभाले नहीं सँभलती आज...बस सुनाई दे
रही है धडकनों को सिर्फ धडकनों की आवाज़....