उड़ जाए हवाओ मे,आज यह मन करता है...ना रोके कोई ना टोके कोई,अपनी मर्ज़ी से हर पल को जिए
आज यह मन करता है...टुकड़े टुकड़े अब ना जिए,बिंदास जिए, खुशहाल रहे....ना अब नफरतें किसी
की सहे,ना जबरदस्ती किसी भी बंधन मे बंधे....फूल बिछाए कोई राहों मे मेरी,मेरे जज्बात समझ मुझे
अब समझे कोई...उदास नहीं,परेशां भी नहीं...मनमर्ज़ी से सब अपनी करे,आज यह मन करता है....
आज यह मन करता है...टुकड़े टुकड़े अब ना जिए,बिंदास जिए, खुशहाल रहे....ना अब नफरतें किसी
की सहे,ना जबरदस्ती किसी भी बंधन मे बंधे....फूल बिछाए कोई राहों मे मेरी,मेरे जज्बात समझ मुझे
अब समझे कोई...उदास नहीं,परेशां भी नहीं...मनमर्ज़ी से सब अपनी करे,आज यह मन करता है....