Sunday 18 March 2018

बिखरते बिखरते..इतना बिखरे ... याद तेरी मे सारे जज़्बात बस बिखर गए.............

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तू कहाँ और अब हम कहाँ...कहानी के तमाम किरदार ही बिखर गए...............................

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...