Thursday 1 February 2018

मुझे समझने के लिए,तेरे पास वो नज़र ही नहीं---दिलो को जो जोड़ दे,ऐसी तेरी कोई मंशा भी नहीं---

टुकड़े दिलो के इकट्ठा कर ले,ऐसा कभी तूने सोचा भी तो नहीं----वफ़ा के नाम पे कभी मुहब्बत को

आबाद कर दे,यह करना तेरी फितरत ही नहीं----लोग मरते है तेरे शाही रूप के लिए,आहे भरते है

तुझे पाने के लिए....समंदर भी बहुत गहरा है,नदियों के सहारे के बिना उस का वज़ूद कहाँ....मेरी

धडकनों को जो समझे,तेरे पास वो दिल ही कहाँ ......

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...