Saturday 3 February 2018

खामोश रह कर बहुत कुछ सीखा हम ने.....खुद की लड़ाई से खुद ही को जीता हम ने.....टूट टूट कर

रोते रोते,अपने आंसुओ को खुद की खूबसूरत मुस्कुराहट मे बदला हम ने....यह सैलाब कभी फिर हम

को बहा ना ले जाए,किताबो की रवानगी मे खुद को भिगोया हम ने....आँखों के हर उस सपने से भी

मुँह मोड़ा हम ने,जिस के लिए हम जीते रहे..ज़िंदा रहना फिर से सीखा हम ने....मलाल रहे गा आखिरी

सांस तक अपने सपनो के टूट जाने गा,हमारी मुस्कान से कोई हमारे मन को ना समझ पाए गा.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...