Thursday 1 February 2018

खूबसूरत नज़ारो ने इक इशारा सा दिया...इन धड़कनो को तेरा होने पे मजबूर किया---मदहोश

हवाएं तेरा साथ पाने के लिए गुनगुनाया करती है----चाँद के आने से पहले तुझी से इक छोटी सी

गुजारिश करती है---सदियों के लिए अपना बना ले मुझ को,किसी की नज़र ना लगे अपने सीने मे

छुपा ले मुझ को----दरख़्तों की छाँव मे इक आवाज़ सी आती है,तू किसी और का नहीं मेरा अपना

है---शाख से  टूट कर इन पत्तो ने मुझे यह एहसास दिया----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...