Monday 1 January 2018

ना करना कभी गिला साथ तेरा छोड़ जाए गे---अपनी ही शर्तो पे जीने के लिए,दुनिया से भी टक्कर

लेते जाए गे---आंसू बहाना कब से छोड़ दिया,मुस्कुराने की वजाहे ढूंढ़ना सीख लिया---दर्द के एहसास

से भी अब खुद को एहसास दिलाना छोड़ दिया---खुशियाँ होती है क्या...हर नन्हे सवालात मे,हर मोड़

पे मिले हर हालात मे....दिल का सकूँ ढूंढ लिया----तेरी सदियों की दुल्हन ने,तेरे दिए प्यार की ज़न्नत

मे अब खुद मे जीना सीख लिया---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...