मेरे पास तेरी खामोशियो का कोई जवाब तो नहीं,पर तेरे लब कभी खुले इकरार के लिए,इस का वादा
मेरे दिल के हिजाब मे है तो कही----खामोशिया कभी रुला दिया करती है तो कभी दिलो को भारी भी
कर जाती है---बेवजह जीने की तमन्ना इंसानी फितरत की कोई कला तो नहीं,तू कभी कुदरत से ना
रूठे इस लिए साथ तेरे चलना..मेरी किस्मत मे है तो कही----अब बोल तो दे कुछ लफ्ज़ मुहब्बत के
लिए,कि अब तेरी इन खामोशियो का मेरे पास कोई जवाब ही नहीं----
मेरे दिल के हिजाब मे है तो कही----खामोशिया कभी रुला दिया करती है तो कभी दिलो को भारी भी
कर जाती है---बेवजह जीने की तमन्ना इंसानी फितरत की कोई कला तो नहीं,तू कभी कुदरत से ना
रूठे इस लिए साथ तेरे चलना..मेरी किस्मत मे है तो कही----अब बोल तो दे कुछ लफ्ज़ मुहब्बत के
लिए,कि अब तेरी इन खामोशियो का मेरे पास कोई जवाब ही नहीं----