Monday 4 December 2017

धड़कनो को आहिस्ता से सुना तो तेरे नाम की आवाज़ आती है----आँखों को जो बंद किया तो तेरी ही

तस्वीर उभर आती है------बरबस नज़र पड़ी जो खुद की हथेलियों पर,इन्ही लकीरो मे मुझे अक्स तेरा

ही नज़र आया है --लोग कहते है कि मांगो तो खुदा भी मिल जाता है,पर हम ने  तो तुझी मे अपना खुदा

पाया है --पायल बजती है बेखबर रात भर,चूड़ियाँ खनक खनक जाती है बार बार----जो धड़कनो की सुने

तो आवाज़ सिर्फ तेरे ही नाम की आती है----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...