Sunday 12 November 2017

तेरी हर ज़िद को पूरा करते आए है...तेरे दिल को कही ठेस ना पहुंचे,इस का ख्याल भी रखते आए है 

कभी यह ज़िंदगी जो दे गई दग़ा,साँसों का यह पहरा जो हो गया जुदा...पलक झपकते ही तुझ से दूर

हो जाए गे....तेरी बाहो मे सिमटने का सुख फिर ना पाए गे....तुझ से जुदाई के एहसास भर से रूह

मेरी डर जाती है...इसी लिए तेरी ज़िंदगी को सकून देने के लिए,तेरे हर अरमान को पूरा करते आए है  

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...