Thursday 2 November 2017

मेरे पास जीने की वजह क्या होगी...तेरी यादो के सिवा यह ज़िन्दगी अब और क्या होगी....बहुत मिला

इस जहाँ मे शोहरत का  मुकाम मुझ को,जहा जहा कदम पड़े वही सलाम किया इस दुनिया ने मुझ को

मेरी मुस्कराहट पे फ़िदा हो गई कायनात सारी,खामोश कभी हुए सवाल उठा दिए दुनिया ने मुझ पर

यह आंखे जब जब भी डबडबाई है तेरे लिए,रातो ने नींद उड़ाई है जब भी तेरे लिए....रूह ने कहा तुझ से

यह ज़िन्दगी तेरी यादो के सिवा अब कुछ भी नहीं,कुछ भी तो नहीं...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...