Sunday 29 October 2017

तुम जब भी मिलने आती हो माँ,मन को एक सकून दे जाती हो...यह बात और है कि इन आँखों को

बरसने पे मजबूर कर जाती हो...मेरा लाडला जो तुझ को सौपा मैंने,वो अभी भी तेरे साथ है...यह देख

कर एक गहरा सकून मुझे मिल जाता है....कही न कही तुम हर पल जुड़ी हो आज भी मुझ से,तेरी इन्ही

दुआओ ने दुनिया की बुरी नज़रो से बचाया है हम को....नमन कितना भी करू,कम लगता है,तुझे कितना

भी प्यार करू माँ ,कम लगता है....तेरा मेरा रिश्ता जन्मो जनम रहे,यही उम्मीद मुझे तेरे और पास ले आती है 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...