Thursday 28 September 2017

कभी दुआओ मे ज़ी लिए तो कभी वफाओ मे खुश हो लिए.....दर्द जब जब दस्तक देता रहा,आंसुओ

को कहा अलविदा और ज़िन्दगी को साथ ले लिया...खुशियाँ कहाँ कब हमेशा साथ चलती है,पल दो

पल का सुख दे कर किसी नई राह पे निकल जाती है....कभी सन्नाटा पसर जाता है मन के इस आंगन

मे,तो कभी किसी आहट पे इंतज़ार का मुकाम मिल जाता है...खुद से खुद को वादा दिया,तू कुछ भी

दे मेरी ज़िन्दगी..हम ने हर हाल मे तेरा शुक्राना करना सीख लिया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...