तेरे साथ नहीं तो तेरे बाद भी नहीं---किसी और के लिए अब इस दिल मे जगह कही भी नहीं---भर
गया है इस दिल का आशियाना इतना कि इस जन्म तो किसी और के रहने की गुंजायश ही नहीं---
दिल के दरवाज़े पे दस्तक मिलती है कई बार,पर यह दस्तक अब मुझे सुनाई देती ही नहीं---तेरे प्यार
का सरूर छाया है इस कदर मुझ पे,कि बिजलिया गिरती है बार बार मुझ पर ,पर उन की चमक मेरे
जीवन को अब रोशन करती ही नहीं -----
गया है इस दिल का आशियाना इतना कि इस जन्म तो किसी और के रहने की गुंजायश ही नहीं---
दिल के दरवाज़े पे दस्तक मिलती है कई बार,पर यह दस्तक अब मुझे सुनाई देती ही नहीं---तेरे प्यार
का सरूर छाया है इस कदर मुझ पे,कि बिजलिया गिरती है बार बार मुझ पर ,पर उन की चमक मेरे
जीवन को अब रोशन करती ही नहीं -----