खवाबो को तपिश देने के लिए,तेरा ख्याल ही काफी है....वफ़ा की राह पे चलने के लिए,तेरा नाम ही
काफी है....फासले तो रहे गे ज़िन्दगी भर,किसी मोड़ पे मिल सके यह सोचना ही काफी है....मुखातिब
तो हू तेरी बातो से,गुजरे हर लम्हा तेरे साथ यह गुजारिश करना अब बेमानी है....समंदर की लहरों मे
उतर जाए,इस से बेहतर है किनारो से गुफ्तगू का नाता जोड़ लिया जाए...यही काफी है....
काफी है....फासले तो रहे गे ज़िन्दगी भर,किसी मोड़ पे मिल सके यह सोचना ही काफी है....मुखातिब
तो हू तेरी बातो से,गुजरे हर लम्हा तेरे साथ यह गुजारिश करना अब बेमानी है....समंदर की लहरों मे
उतर जाए,इस से बेहतर है किनारो से गुफ्तगू का नाता जोड़ लिया जाए...यही काफी है....