Monday 14 August 2017

बराबरी तेरे मेरे रिश्ते की कोई नहीं कर पाए गा......सात फेरो का बंधन है,जन्मो जनम चलता जाए गा

तूने ख़िताब दिया मुझे अपनी ज़िन्दगी के साथ चलने का.....तेरे मेरे प्यार के आगे अब कोई क्या कर

पाए गा....राहे मंज़िलो मे लोग मिलते है,गुफ्तगू के दायरे से बाहर ना चल पाते है.....अदब दिया हर

शख्स को,अपने संस्कारो को ना भूल पाए है...तेरी जगह तो बस तेरी है,इस को समझाने के लिए ना

वक़्त तेरे पास है,ना ही कभी वक़्त निकल पाए गा...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...