Sunday 2 July 2017

कहते है खुदा जिस को,भगवान का रूप है..कही मस्जिद कभी मंदिर कभी गुरूद्वारे मे तो कभी चर्च की

जगह पूजते है लोग...मन्नंते इस विश्वास से मांगते है लोग,यकीं होता है तभी तो सर झुकाते है लोग

जब लगे कि अब रास्ता  हो गया इतना कठिन,यकीं किसी पे ना करना इस दुनिया मे...कि कदम कदम

पे दे रही यह दुनिया दगा...जब भी झुक गए हम तेरे सज़दे मे,तूने निकाला हर मुसीबत,हर परेशानी से

मुझे...आज दे रही शुक्राना तुम्हे...मै अकेली कहाँ,मेरी ताकत बने तुम बैठे हो मेरे ही अंदर कही..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...