Sunday 2 July 2017

खलल न डाल मेरी इबादत मे,तुझे मेरे रब दा वास्ता है---ख़ामोशी से सही पर रब से मुझे मांग ले

तुझे मेरी चाहत का वास्ता है----कभी ना किया इज़हारे-मुहब्बत कि दिल की धड़कनो ने कहा,रह जा

खामोश तुझे तेरे वज़ूद दा वास्ता है---बस खिल गए तुझे देख कर,सज़दे किये तेरे कदमो की चाप पर

अब तो मेरी इबादत मे तू खुद को शामिल कर ले,तुझे मेरे रब दा वास्ता है---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...