भीगे गे जो बारिश मे,तुझे भी साथ ले डूबे गे --- बहकते कदमो की चाप मे,तेरे कदमो को भी भिगो
डाले गे----रफ्ता रफ्ता यह मुहब्बत परवान होगी,कही यह किस्मत कभी मुझ पे तो कभी तुझ पे
मेहरबान होगी ----टूट के चाह मुझे इतना,बारिश भी ना बरसी हो कभी इतना----सैलाब आते है चले
भी जाते है,पर तेरी मेरी मुहब्बत का यह सैलाब आये इतना कि आखिरी सांस तक हमारी मुहब्बत
इस मे डूब जाये इतना---
डाले गे----रफ्ता रफ्ता यह मुहब्बत परवान होगी,कही यह किस्मत कभी मुझ पे तो कभी तुझ पे
मेहरबान होगी ----टूट के चाह मुझे इतना,बारिश भी ना बरसी हो कभी इतना----सैलाब आते है चले
भी जाते है,पर तेरी मेरी मुहब्बत का यह सैलाब आये इतना कि आखिरी सांस तक हमारी मुहब्बत
इस मे डूब जाये इतना---