ना रहो इतने तन्हा कि ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है---पलट कर ना देखो पीछे कि राहे-गुजर बहुत ही
मुश्किल है--नियामतों को जो देखो गे तो यक़ीनन इस ज़िन्दगी से प्यार हो जाए गा---इंसा हो कोई
खुदा नहीं कि हर काम तुम्हारे हिसाब से होता जाए गा---आंसू तो इक वजह है,खुद को कमज़ोर कहने
की सजा---चल थाम ले हाथ किसी मासूम का और दिला अहसास उसे कि ज़िन्दगी खुदा की इक
रहमत
है---
मुश्किल है--नियामतों को जो देखो गे तो यक़ीनन इस ज़िन्दगी से प्यार हो जाए गा---इंसा हो कोई
खुदा नहीं कि हर काम तुम्हारे हिसाब से होता जाए गा---आंसू तो इक वजह है,खुद को कमज़ोर कहने
की सजा---चल थाम ले हाथ किसी मासूम का और दिला अहसास उसे कि ज़िन्दगी खुदा की इक
रहमत
है---