Wednesday 7 June 2017

ना रहो इतने तन्हा कि ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है---पलट कर ना देखो पीछे कि राहे-गुजर बहुत ही

मुश्किल है--नियामतों को जो देखो गे तो यक़ीनन इस ज़िन्दगी से प्यार हो जाए गा---इंसा हो कोई

खुदा नहीं कि हर काम तुम्हारे हिसाब से होता जाए गा---आंसू तो इक वजह है,खुद को कमज़ोर कहने

की सजा---चल थाम ले हाथ किसी मासूम का और दिला अहसास उसे कि ज़िन्दगी खुदा की इक
  रहमत

है---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...