Tuesday 30 May 2017

पायल की खनक को सुनने के लिए वो बहुत दूर से आए है---हमे नज़र न लगे किसी की,काले टीके से

सजाने आए है---इस बुरी दुनिया मे जहा जीने के लिए,इज़ाज़त नहीं मिलती सासो को लेने की--वही

एक तुम हो जो आसमां मे उड़ाने की खवाइश देने आए हो----बरसो बाद छूटे है गुलामी की ज़ंजीरो से

खुली हवाओ मे अब रहना है तुम को,इस बात का अहसास दिलाने वो बहुत दूर से आए है----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...