Wednesday 24 May 2017

यूँ ही हसी हसी मे..इक कदम बढ़ाया हम ने तो दूजा तुम ने बढ़ा दिया---हसरतो का संसार फिर कहाँ

रुका,ज़िन्दगी भर के लिए साथ तुम ने मांग लिया--वो मुलाकात छोटी सी,आँखों पे लाज बस ठहरी सी

हाथ थामा जो तुम ने,हम ने चेहरा झुका दिया---पलट कर देखते किस को,दुनिया की रंजिशों से दिल

कब से बेगाना सा हो गया---पलके झुकाई जो हम ने,तेरे होठो ने मोहर लगा कर दुल्हन हम्हे बना दिया

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...