बारिश तू ज़रा थम जा,ए बादल तू बरस के अब खाली हो जा---उन की राहो को आबाद करने के लिए
सूरज को ज़रा उगने दो ---सुबह की मासूम हवाओ को ज़रा महकने दो,खिलने दो अब उन कलियों को
जो फिज़ाओ को महकाती है--मेरे मेहबूब की राहो मे ज़रा सज़दा कर लू,ना रोको मुझे ना टोको मुझे
बस हो जाओ सभी खामोश ज़रा,कि उन की सलामती के लिए खुद को इबादत मे ज़रा शामिल कर लू---
सूरज को ज़रा उगने दो ---सुबह की मासूम हवाओ को ज़रा महकने दो,खिलने दो अब उन कलियों को
जो फिज़ाओ को महकाती है--मेरे मेहबूब की राहो मे ज़रा सज़दा कर लू,ना रोको मुझे ना टोको मुझे
बस हो जाओ सभी खामोश ज़रा,कि उन की सलामती के लिए खुद को इबादत मे ज़रा शामिल कर लू---