दिल के इस आंगन मे,दूर दूर तक बहुत ख़ामोशी है लेकिन---प्यार की इंतिहा खत्म नहीं है अब तक---
परिंदो के चहकने की वो प्यारी सी वजह,मखमली बिस्तर पे यादो के पन्नो की वो खामोश सदा---
कुछ कहे या ना कहे,कुदरत के इशारो पे रहने की वजह---यह ज़िन्दगी बहुत ही खामोश है लेकिन,हर
साँस के साथ दुआओ मे रहने की वजह--आज भी कहती है कि इबादत ही इबादत है अब जीने की वजह
परिंदो के चहकने की वो प्यारी सी वजह,मखमली बिस्तर पे यादो के पन्नो की वो खामोश सदा---
कुछ कहे या ना कहे,कुदरत के इशारो पे रहने की वजह---यह ज़िन्दगी बहुत ही खामोश है लेकिन,हर
साँस के साथ दुआओ मे रहने की वजह--आज भी कहती है कि इबादत ही इबादत है अब जीने की वजह