ना कर सके दुआ..ना कर सके वफ़ा...वादों को निभाने की कोशिश मे तुम हम रहे दूर दूर,ज़ुदा ज़ुदा ---
तन्हाई ने कहा एक मोड पे,यह ज़िन्दगी तो है बेवफा बेवफा---ना कर यकीं इस पे,क्या पता कब हो
जाये यह खफा खफा---मुहब्बत की रंगी शाम पे कभी तुम कहाँ,कभी हम कहाँ..बरसता रहा यह पानी
मिलने के लिए हुस्न मिटता रहा,और इश्क होता रहा बस धुंआ धुंआ----
तन्हाई ने कहा एक मोड पे,यह ज़िन्दगी तो है बेवफा बेवफा---ना कर यकीं इस पे,क्या पता कब हो
जाये यह खफा खफा---मुहब्बत की रंगी शाम पे कभी तुम कहाँ,कभी हम कहाँ..बरसता रहा यह पानी
मिलने के लिए हुस्न मिटता रहा,और इश्क होता रहा बस धुंआ धुंआ----