गुजरती हवाओ ने जो छुआ आज मुझ को,तेरी मौजूदगी का अहसास हो आया---कदम चलते रहे और
तेरा मेरे साथ चलने का वो वादा याद हो आया---ऐसा नहीं कि ज़िया नहीं इस ज़िन्दगी को मैंने,पर हर
सांस के साथ तेरे साथ गुजरा वो ज़माना याद हो आया---कंगन नहीं,पायल नहीं,सिंगार का आलम नहीं
सादगी मे लिपटा..आज भी तेरा मुझे शोख नज़रो से देखने का वो वक़्त याद हो आया----
तेरा मेरे साथ चलने का वो वादा याद हो आया---ऐसा नहीं कि ज़िया नहीं इस ज़िन्दगी को मैंने,पर हर
सांस के साथ तेरे साथ गुजरा वो ज़माना याद हो आया---कंगन नहीं,पायल नहीं,सिंगार का आलम नहीं
सादगी मे लिपटा..आज भी तेरा मुझे शोख नज़रो से देखने का वो वक़्त याद हो आया----