Sunday 5 February 2017

राज़ तेरे जान कर तुझ से प्यार करना फिर भी नहीं छोड़ा...दुनिया कहती है बेवफा तुझ को,इस बात से

खफा हो कर तुझ से मिलना भी नहीं छोड़ा...तेरी रातो पे पहरा है किसी और की चाहत का,यह जान कर

तेरी इबादत करना कभी नहीं छोड़ा...मुकम्मल नहीं तेरी राहे-वफ़ा,क्या फर्क पड़ता है जो तूने हमे एक

नज़र ही नहीं देखा...लोग हो जाते है फ़ना मुहब्बत मे,हम ने तो तेरी बेरुखी के बाद भी तुझ से प्यार

करना आज भी नहीं छोड़ा....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...