मेरे हर आंसू पे...हर खामोश अदा पे...दिल को तड़पा देने वाली हर मासूम खता पे.....तुम साथ रहे
मेरे...ज़ुबा क्या कहती है,पर दिल चाहता है क्या...इस बात को समझने के लिए,तुम साथ रहे मेरे....
दुनिया के बेरंग रिश्तो मे-कुछ टूटे कुछ बिखरे उन सपनो मे..समंदर की उन लापरवाह लहरो की तरह
हम तुम साथ रहे ऐसे...मैं तुम मे बसी,तुम मुझ मे समाए...बरसो तक तुम साथ रहे मेरे.....
मेरे...ज़ुबा क्या कहती है,पर दिल चाहता है क्या...इस बात को समझने के लिए,तुम साथ रहे मेरे....
दुनिया के बेरंग रिश्तो मे-कुछ टूटे कुछ बिखरे उन सपनो मे..समंदर की उन लापरवाह लहरो की तरह
हम तुम साथ रहे ऐसे...मैं तुम मे बसी,तुम मुझ मे समाए...बरसो तक तुम साथ रहे मेरे.....