रात भर जागते रहे..जागते ही रहे--कुछ लम्हो की याद मे..बस तुझी को याद करते रहे..करते ही रहे--
इक हलकी सी आहट के लिए ..आँखों से बची नींद को बर्बाद करते रहे..करते ही रहे--चाँद को देखा तो
चांदनी की तड़प का अहसास करते रहे..बस करते ही रहे--सुबह कब होगी..बस इसी इंतज़ार मे रौशनी
की राह तकते रहे..हाँ तकते ही रहे--
इक हलकी सी आहट के लिए ..आँखों से बची नींद को बर्बाद करते रहे..करते ही रहे--चाँद को देखा तो
चांदनी की तड़प का अहसास करते रहे..बस करते ही रहे--सुबह कब होगी..बस इसी इंतज़ार मे रौशनी
की राह तकते रहे..हाँ तकते ही रहे--