Sunday 22 January 2017

इतनी शिद्दत से मुझे यू चाहना तेरा,हर रोज एक नया पैगाम देना तेरा....मैं रूठू बार बार,और यू रोज  

रोज मुझे मनाना तेरा... आँखों से जो निकले आंसू मेरे,उन्हें अपनी हथेली मे छिपा लेना तेरा....मेरी

पाँव की पायल पे यू फ़िदा होना तेरा,चूड़ियों को मेरी कलाइयों मे भरना तेरा...आसमाँ के फरिश्ते हो

या मेरी किस्मत की रज़ा,सात जन्मो का साथ हो या फिर दिल की धड़कन मे बजा साज़ मेरा.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...