Wednesday 18 January 2017

ज़िन्दगी तुझ से बहुत शिकायते करते रहे है हम---जो मिला उस को भूल कर,जो ना मिला बस उसी

का शिकवा तुझ से करते रहे है हम--फूल कितने ही खिले हमारी राहों मे,पर कांटे बहुत है चुभन देने

के लिए इस के लिए बस तुझ से लड़ते ही रहे है हम--किसी मोड पर जब भी किस्मत हम पे यक़ीनन

मुस्कुराई,अपने दुखो का रोना ही तुझ से रोते रहे है हम---माफ़ करना ज़िन्दगी,बहुत नियामते दी है

तुम ने हमे..बस शुक्राना देने के लिए आज तेरे पास आये है हम----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...