ना कर ग़ुस्ताख़ियां इस सर्द मौसम मे...कि गरम लावे क़ी तरह पिघल ही जाए गे....ना छूना इन घनेरी
जुल्फों को,अंधेरे मे कदम तेरे बहक जाए गे...यू शरारत से ना देख मेरी सूरत को,इस नूरानी चेहरे पे
तेरी मुहब्बत के फ़साने लिख दिए जाए गे...मदहोश कदमो से जाए गे जिधर भी,पायल क़ी खनक से
लोग तेरे नाम को मेरे नाम से जोड़ते ही जाए गे.....
जुल्फों को,अंधेरे मे कदम तेरे बहक जाए गे...यू शरारत से ना देख मेरी सूरत को,इस नूरानी चेहरे पे
तेरी मुहब्बत के फ़साने लिख दिए जाए गे...मदहोश कदमो से जाए गे जिधर भी,पायल क़ी खनक से
लोग तेरे नाम को मेरे नाम से जोड़ते ही जाए गे.....