तेरा छूना लगा जैसे..ओस की बूंदो की तरह---महका है बदन मेरा,गुलाब की पंखुड़ियो की तरह--तेरा
शबनमी अहसास ज़न्नत की फ़िज़ा लगता है--देखा तो नहीं हम ने ज़न्नत को,पर अहसास तेरा इबादत
की तरह लगता है---पूजा के धागों मे पिरोया है,मैंने तेरी पाक मुहब्बत को...तेरी जगह मेरे दिल मे नहीं,
रूह के वज़ूद मे है---फिर पास आ जा मेरे,खुदा के रहमो-करम की तरह---
शबनमी अहसास ज़न्नत की फ़िज़ा लगता है--देखा तो नहीं हम ने ज़न्नत को,पर अहसास तेरा इबादत
की तरह लगता है---पूजा के धागों मे पिरोया है,मैंने तेरी पाक मुहब्बत को...तेरी जगह मेरे दिल मे नहीं,
रूह के वज़ूद मे है---फिर पास आ जा मेरे,खुदा के रहमो-करम की तरह---