Thursday 24 November 2016

यह हवाएं जब भी तेरे दामन को छू कर आती है....मुझे हल्के से सहला जाती है---वो नशा तेरे

प्यार का,वो खुमारी मेरे प्यार की..यह सब कानो मे मेरे बता जाती है---रहते है तेरी यादो के उन

रोशन चिरागो मे,इक परछाई की तरह---महक रही है मेरी दुनिया जैसे परियो के किसी जहाँ की

तरह---कोई शिकायत ही नहीं कि तू पास नहीं मेरे---तेरी मुहब्बत हर पल मेरे जहाँ को सजा रखती है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...