Saturday 19 November 2016

मुझे मिलने की इजाजत देने वाले..मुझ पे बला का यकीं करने वाले...कदम दर कदम साथ देने वाले...

तुझे मसीहा कहे या मुहब्बत का खुदा----दुनिया की रुसवाई से आज़ाद कराने वाले...तू मेरा राहे-वक़्त

है या मेरी किस्मत का कोई बुलंद सितारा---शुक्राना करते है तेरा उस खुदा के बाद...नवाज़ा है तुझे

दुआओ से भरी सलामती के साथ---जो किया है मेरे लिए..उस के लिए यह तमाम सांसे करते है आज

तेरे नाम...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...