सूनी सी यह ज़िन्दगी---और कहर है उस पे तेरी यादो का --- संभाले तो खुद को संभाले कैसे,वो
इश्क का रंग आज भी है कितना गहरा--नूरे-हुस्न को चाहने के लिए कोई शहंशाह तेरे जैसा इस
दुनिया मे अब कहा होगा---जो कदर करे मेरी चाहत की,ऐसा कद्रदान अब कहा होगा ---एक फरिश्ता
तेरे जैसा पैदा नहीं दुबारा होगा,मुझे प्यार करे जो ज़ी भर के--खवाबो के इलावा और कहाँ होगा----
इश्क का रंग आज भी है कितना गहरा--नूरे-हुस्न को चाहने के लिए कोई शहंशाह तेरे जैसा इस
दुनिया मे अब कहा होगा---जो कदर करे मेरी चाहत की,ऐसा कद्रदान अब कहा होगा ---एक फरिश्ता
तेरे जैसा पैदा नहीं दुबारा होगा,मुझे प्यार करे जो ज़ी भर के--खवाबो के इलावा और कहाँ होगा----