Wednesday 26 October 2016

सूनी सी यह ज़िन्दगी---और कहर है उस पे तेरी यादो का --- संभाले तो खुद को संभाले कैसे,वो

इश्क का रंग आज भी है कितना गहरा--नूरे-हुस्न को चाहने के लिए कोई शहंशाह तेरे जैसा इस

दुनिया मे अब कहा होगा---जो कदर करे मेरी चाहत की,ऐसा कद्रदान अब कहा होगा ---एक फरिश्ता

तेरे जैसा पैदा नहीं दुबारा होगा,मुझे प्यार करे जो ज़ी भर के--खवाबो के इलावा और कहाँ होगा----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...