तुझ से तेरी ही हद मे जीने के लिए..हज़ारो वादे निभा दिए मैंने...तू कही खफा न हो,इस डर से तेरी
बदनामी को अपना लिया मैंने...राह चलते लोगो से बेरुखी जो मिली मुझ को,तहे दिल से सर आँखों
पे रख लिया उस को....आंसुओ को छिपाया खुद की पलकों मे..तू कही बेज़ार न हो,इस डर से आँखों
से मुस्कुराना सीखा मैंने...बेवफा हो चुका है तेरा दामन,फिर भी तेरे नाम से खुद को अब तक जोड़ा
है मैंने.....
बदनामी को अपना लिया मैंने...राह चलते लोगो से बेरुखी जो मिली मुझ को,तहे दिल से सर आँखों
पे रख लिया उस को....आंसुओ को छिपाया खुद की पलकों मे..तू कही बेज़ार न हो,इस डर से आँखों
से मुस्कुराना सीखा मैंने...बेवफा हो चुका है तेरा दामन,फिर भी तेरे नाम से खुद को अब तक जोड़ा
है मैंने.....