कुछ अरमान रहे..कुछ पैगाम रहे तेरे नाम....सजने के लिए,संवरने के लिए..तेरी ही बाहो मे टूट के
जीने के लिए..रातो को तेरी ही आगोश मे सोने के लिए..तन्हाई होती है क्या..धड़कनो की ज़ुबाँ कहती
है क्या..सब कुछ तेरे नाम,तुझी को देने के लिए..इंतज़ार करते रहे,करते रहे......जन्मो जन्म...सदियो
तलक ..रिश्ते का नाम अब कुछ नहीं लेकिन,मेरी रूह ने आज भी भेजा है यही पैगाम...तेरे नाम....
जीने के लिए..रातो को तेरी ही आगोश मे सोने के लिए..तन्हाई होती है क्या..धड़कनो की ज़ुबाँ कहती
है क्या..सब कुछ तेरे नाम,तुझी को देने के लिए..इंतज़ार करते रहे,करते रहे......जन्मो जन्म...सदियो
तलक ..रिश्ते का नाम अब कुछ नहीं लेकिन,मेरी रूह ने आज भी भेजा है यही पैगाम...तेरे नाम....