वो तेरी बस ज़िद्द थी कि तेरे जहाँ से दूर चले जाए...न तुझे याद आए न तेरी यादो मे बस के रह जाए..
उस पे क़यामत यह कैसी कि तेरे बिना कभी न जी पाए..फासले तो सिर्फ मीलों के थे,पर दिल के पास
तो तेरे पहरे थे...तेरी इस ज़िद्द का मान रखा हम ने..तेरी राहों मे तुझे बर्बाद करने कभी नहीं आए..
आज ज़िद्द है तेरी..मुहब्बते-जश्न बन कर तेरी दुनिया को मुकम्मल कर जाए..
उस पे क़यामत यह कैसी कि तेरे बिना कभी न जी पाए..फासले तो सिर्फ मीलों के थे,पर दिल के पास
तो तेरे पहरे थे...तेरी इस ज़िद्द का मान रखा हम ने..तेरी राहों मे तुझे बर्बाद करने कभी नहीं आए..
आज ज़िद्द है तेरी..मुहब्बते-जश्न बन कर तेरी दुनिया को मुकम्मल कर जाए..