कोई नज़्म तो लिख मेरी नूरानी सूरत के लिए..कोई कहानी तो सजा मेरी वफाए-ज़िन्दगी के लिए...
दुनिया कहती है तेरी सूरत पे लिखा है,मेरी मुहब्बत का नशा ..तेरी रातो पे टिका है मेरे ही पहलु का
सिला...मेरी हँसी को न बना खुद की तक़दीर का नशा..कभी हो गए रुखसत जो इस दुनिया से ..तेरी
रूह से रूह का तार बन जाये गे...बस एक गुजारिश मेरी तुझ से,लिख दे कोई नज़्म इस नूरानी सूरत के
लिए...
दुनिया कहती है तेरी सूरत पे लिखा है,मेरी मुहब्बत का नशा ..तेरी रातो पे टिका है मेरे ही पहलु का
सिला...मेरी हँसी को न बना खुद की तक़दीर का नशा..कभी हो गए रुखसत जो इस दुनिया से ..तेरी
रूह से रूह का तार बन जाये गे...बस एक गुजारिश मेरी तुझ से,लिख दे कोई नज़्म इस नूरानी सूरत के
लिए...