तेरी बातो का सरूर कुछ दिल पे छाया है ऐसा..दुनिया कहती है क्या,नज़र आता नहीं अब ऐसा....
कभी सजते है तो कभी सवरते है..कभी गेसुओं को खुला छोड़..हवाओ मे बहकते है..ख़ुशी के यह
लम्हे तेरी मुहब्बत ने दिए..दिल की धड़कनो मे साज़ तेरे अंदाज़ ने भरे..बस बहुत खुश है...हद की
इंतिहा तक..पर रहते है ऐसे की अब नज़र न लगे ज़माने की जैसे....
कभी सजते है तो कभी सवरते है..कभी गेसुओं को खुला छोड़..हवाओ मे बहकते है..ख़ुशी के यह
लम्हे तेरी मुहब्बत ने दिए..दिल की धड़कनो मे साज़ तेरे अंदाज़ ने भरे..बस बहुत खुश है...हद की
इंतिहा तक..पर रहते है ऐसे की अब नज़र न लगे ज़माने की जैसे....