Tuesday 13 September 2016

तेरी बातो का सरूर कुछ दिल पे  छाया है ऐसा..दुनिया कहती है क्या,नज़र आता नहीं अब ऐसा....

कभी सजते है तो कभी सवरते है..कभी गेसुओं को खुला छोड़..हवाओ  मे बहकते है..ख़ुशी के यह

लम्हे तेरी मुहब्बत ने दिए..दिल की धड़कनो मे साज़ तेरे अंदाज़ ने भरे..बस बहुत खुश है...हद की

इंतिहा तक..पर रहते है ऐसे की अब नज़र न लगे ज़माने की जैसे....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...