आज पास मेरे नही है तू..पर तेरे खतो मे तेरा वजूद पा लेते है--हर लिखे लफज मे तेरे..
अपनी धुॅधली सी तसवीर ढूॅढ लेते है--जी चाहता है तेरे सॅग फिर..उन खुशनुमा पलो को
जिए--तेरी बाहो मे सिमट कर..रात भर सकून से सो जाए--अपनी खिलखिलाती हॅसी से
तेरे दिल के तारो को छू ले--पर यह अॅधेरा बहुत गहरा है..कि आज पास मेरे नही हैै तू---
अपनी धुॅधली सी तसवीर ढूॅढ लेते है--जी चाहता है तेरे सॅग फिर..उन खुशनुमा पलो को
जिए--तेरी बाहो मे सिमट कर..रात भर सकून से सो जाए--अपनी खिलखिलाती हॅसी से
तेरे दिल के तारो को छू ले--पर यह अॅधेरा बहुत गहरा है..कि आज पास मेरे नही हैै तू---