Monday 8 August 2016

धडकनो की गर बात सुने तो बस तेरे ही हो जाते हैै...आॅखे जो हकीकत बयाॅ करती है

यकीकन कदमो दूर चले जाते है...लिबास पहने जो तेरे एहसासो का,तो बिलकुल ही

बदल जाते हैै...पलट कर देखे जो राहेे-किसमत को बस बिखर बिखर जाते है...पूछते है

तुम से..अॅदाजे-बयाॅ कहने के लिए तेरे रूबरू हो या सब सीने मे दफन कर तेरी जिॅदगी

मे शिरकत कर जाए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...