Friday 19 August 2016

तेरे एक इशारे पे दुनिया छोड दी हम ने--रासते तो मिलते रहे मगर मजिॅल तुमही पे

रोक दी हम ने--वजूद तेरे मे सिमटने के लिए अपनी पहचान भुला दी हम ने--यकीॅ है

तुझ पे अब इतना कि अपने पे यकीॅ करना छोड दिया हम ने--शिददते-मुहबबत की बात

करे कैसे तेरी ही बाहो मे सारी जननत ढूॅढ ली हम ने----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...