तेरे एक इशारे पे दुनिया छोड दी हम ने--रासते तो मिलते रहे मगर मजिॅल तुमही पे
रोक दी हम ने--वजूद तेरे मे सिमटने के लिए अपनी पहचान भुला दी हम ने--यकीॅ है
तुझ पे अब इतना कि अपने पे यकीॅ करना छोड दिया हम ने--शिददते-मुहबबत की बात
करे कैसे तेरी ही बाहो मे सारी जननत ढूॅढ ली हम ने----
रोक दी हम ने--वजूद तेरे मे सिमटने के लिए अपनी पहचान भुला दी हम ने--यकीॅ है
तुझ पे अब इतना कि अपने पे यकीॅ करना छोड दिया हम ने--शिददते-मुहबबत की बात
करे कैसे तेरी ही बाहो मे सारी जननत ढूॅढ ली हम ने----