कभी दिल टूटा तो तुम कयू याद आए--कभी बरसा यह नीर तो कयू दिल के छाले उभर
आए--मुहबबत को कभी बदगुमान नही होने दिया,पर तडपते तडपते बस बेबसी के यह
आॅसू छलक आए--राहे-उलफत मे बहुत ही अॅधेरे है,चिराग ढूॅढने के लिए पथरीली राहो
पे ही निकल आए--तुुम हो जहा,मेरी आवाज सुनो..अब तो उमर के उस दौर से भी बहुत
आगे निकल आए---
आए--मुहबबत को कभी बदगुमान नही होने दिया,पर तडपते तडपते बस बेबसी के यह
आॅसू छलक आए--राहे-उलफत मे बहुत ही अॅधेरे है,चिराग ढूॅढने के लिए पथरीली राहो
पे ही निकल आए--तुुम हो जहा,मेरी आवाज सुनो..अब तो उमर के उस दौर से भी बहुत
आगे निकल आए---