शौक नवाबो के है,पर सॅग फिर भी तेरे चलने को राजी है--आदी ही नही गुरबत की इन
वीरान रातो के,पर मुहबबत मे तेरी सब सहने को राजी है--लोग कहते है दुनिया जो सज
गई सॅग तेेरे,मौत की बरबादी फिर लाजिमी है--इबादत के रॅगो मे हर बार देखा है चेहरा
तेरा,फिर कयू ना माने कि सात जनमो का सफर तेरे ही सॅग बाकी है--
वीरान रातो के,पर मुहबबत मे तेरी सब सहने को राजी है--लोग कहते है दुनिया जो सज
गई सॅग तेेरे,मौत की बरबादी फिर लाजिमी है--इबादत के रॅगो मे हर बार देखा है चेहरा
तेरा,फिर कयू ना माने कि सात जनमो का सफर तेरे ही सॅग बाकी है--