Tuesday 5 July 2016

यू तो यह जिॅदगी बहुत इॅतिहान लेेती हैै..कभी देे कर खुुशी हवाओ मे उडा देती है..जीने

की राहो मे खुशनुुमा रॅग बिखेर जाती है...मै हू रॅगीने-वफा तेरी यह एहसास दिला खुद

से जोड लेती है...यकीॅ होता है जब इस की मासूम गुसताखियो पे..तभी सीने को चीरने

की सजा देती है..रूह को रूलाती है...बेखबर बन कर होश पे होश उडाती है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...