ना रहे गेे हम,ना रहो गे तुम---हवाओ मे महके गी तेरी मेरी मुहबबत की खुशबू--बीत
जाए गी सदिया हजारो, पर गूजे गी फिजाओ मे पयार की कहानिया..तेरी मेरी--यह
इशक तेरा दीवाना सा,यह हुसन मेरा अफसाना सा...दे जाए गा पैगाम पयार मे बहकने
वालो को--मिसाल दे गी यही दुुनिया हमारे रूहे-जजबात की...जब ना रहे गे हम और ना
रहो गे तुम--
जाए गी सदिया हजारो, पर गूजे गी फिजाओ मे पयार की कहानिया..तेरी मेरी--यह
इशक तेरा दीवाना सा,यह हुसन मेरा अफसाना सा...दे जाए गा पैगाम पयार मे बहकने
वालो को--मिसाल दे गी यही दुुनिया हमारे रूहे-जजबात की...जब ना रहे गे हम और ना
रहो गे तुम--